जब कांशीराम बासपा की शुरुआत कर रहे थे, तब उनके बैनर पर चार लोगों की तस्वीर होती थी। और वो थे शाहू जी महाराज, जोतीबा फूले, भीम राव अंबेडकर और अब्दुल जलील फ़रीदी।
इससे आपको डॉक्टर अब्दुल जलील फ़रीदी साहब की हैसयत समझ आएगी। अब पूछिएगा की फिर अब फ़ोटो क्यूँ हटा दिया?? मामला वही है के मुसलमान अपने क़ायद की क़दर नही करते हैं, उस ज़माने में यानी 80 के दशक में अब्दुल जलील फ़रीदी साहब के इंतक़ाल के बाद डॉक्टर फ़रीदी को ख़ुद मुसलमान ने भुला दिया था, उनके नाम पर मुसलमानो में कोई भी भीड़ इकट्ठा नही होती थी। कांशीराम ने अपनी जानिब से कुछ दिन इसे खींचा, लेकिन मुसलमानो ने ही पहचाने से इनकार कर दिया तो धीरे धीरे उनकी तस्वीर बैनर से भी हटता चला गया।
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