भारत में इस्लाम मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा आया


 आपके द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न दृष्टिकोण और ऐतिहासिक संदर्भों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारत में इस्लाम का आगमन कई चरणों और विभिन्न स्रोतों के माध्यम से हुआ है। मोहन भागवत जी के बयान का विश्लेषण करते समय, कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है:


1. **मुस्लिम आक्रमणकारी:** यह सही है कि कुछ हद तक इस्लाम का आगमन मुस्लिम आक्रमणकारियों के साथ हुआ। मोहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध पर आक्रमण और उसके बाद विभिन्न आक्रमणकारी सुल्तानों और मुगलों ने इस्लाम को भारत में स्थापित करने में भूमिका निभाई।


2. **अरब व्यापारी:** अरब सागर के तटीय क्षेत्रों में अरब व्यापारियों ने इस्लाम का प्रसार किया। विशेष रूप से केरल और गुजरात में, उनके द्वारा स्थापित समुदायों ने स्थानीय लोगों को इस्लाम से परिचित कराया।


3. **सूफियाने किराम:** सूफियों ने शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक तरीके से इस्लाम का प्रसार किया। उनकी शिक्षाएं और व्यवहार लोगों को आकर्षित करते थे, जिससे कई लोग इस्लाम अपनाने लगे।


4. **भारतीय जो अरब में नौकरी या व्यापार करते थे:** भारत से अरब देशों में जाकर काम करने वाले भारतीयों ने भी इस्लाम का प्रभाव देखा और भारत लौटकर इस्लाम का परिचय कराया।


इस्लाम का भारत में आगमन एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया रही है। केवल आक्रांताओं के माध्यम से इस्लाम का आगमन मानना एक संकीर्ण दृष्टिकोण है और इसके विभिन्न सांस्कृतिक, व्यापारिक और आध्यात्मिक पहलुओं को नजरअंदाज करता है। यह भी सत्य है कि धर्म और सभ्यता का प्रभाव समय के साथ बदलता है और इसमें कई कारक शामिल होते हैं।


मुस्लिम आक्रमणकारियों की चर्चा करने से पहले, भारतीय उपमहाद्वीप में आर्यों के आगमन और उनके द्वारा किए गए सांस्कृतिक प्रभाव का भी अध्ययन करना आवश्यक है। यह बात महत्वपूर्ण है कि किसी भी धर्म या संस्कृति का फैलाव केवल एक ही माध्यम से नहीं होता बल्कि कई माध्यमों से होता है।


मोहन भागवत जी के बयान का उद्देश्य भारतीय मुसलमानों पर दबाव बनाने का हो सकता है, परंतु यह समझना आवश्यक है कि इतिहास और वर्तमान परिस्थितियों को संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहिए। भारत एक विविधतापूर्ण देश है जहाँ विभिन्न धर्म और संस्कृतियाँ सहअस्तित्व में हैं और इसे एकजुट बनाए रखने के लिए समावेशिता और समझदारी जरूरी है।

भारत में इस्लाम मुस्लिम आक्रांताओं  द्वारा आया 

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यह कहना है आरएसएस के प्रमुख डाक्टर मोहन भागवत का वैसे तो भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लाम चार प्रकार के लोग लाए 


1- मुस्लिम आक्रमणकारी  मोहम्मद बिन कासिम और उनके सिंध पर हमला करने के लगभग 60 साल पहले मकरान ( बलूचिस्तान ) को मुसलमान जीत चुके थे और उन्होंने इस इलाके में इस्लाम का परिचय करा दिया था 


2- अरब व्यापारी - अरब सागर के तटीय क्षेत्रों में इस्लाम अरब व्यापारियों ने पहुंचाया , केरल व गुजरात में अरब व्यापारियों के गांव के गांव आबाद थे वह अपने देश आते जाते रहते थे उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था और भारत में उन से प्रभावित होकर बहुत से लोग मुसलमान हुए 


3- सूफियाने किराम - भारत में सूफिया शुरू से आने लगे थे और उन्होंने इस देश में इस्लाम पहुंचाने में एक बड़ा रोल निभाया 


4- भारतीय जो अरब में नौकरी या व्यापार करते थे - बनु उमैया के समय इराक के शहर बसरा और बनु अब्बास के समय बगदाद की तरक्की देख कर बहुत से भारतीय वहां जाकर नौकरी करने लगे थे हारून रशीद और उनके बेटे मामून रशीद के समय कुछ ब्रह्मण ऊंचे ओहदों पर भी पहुंचे थे इन में बहुत  से लोग मुसलमान हो जाते थे और जो मुसलमान नहीं भी होते थे वह उसका प्रभाव ले कर भारत लौटते थे ऐसे लोगों का भी इसलाम का परिचय कराने और फैलाने में बड़ा योगदान था


परंतु हर हकीकत से नज़र फेरकर यही मान लिया जाए कि भारत में इस्लाम आक्रांताओं के साथ आया तो इस में ग़लत क्या है ? क्यों इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है ? क्यों दबाव बनाने की कोशिश हो रही है ? 


यह तो पूरी दुनिया में होता रहा है आक्रांताओं द्वारा धर्म सभ्यता फैलती रही है भाषा कपड़े रहन सहन पर प्रभाव पड़ता रहा है इस में नया क्या है मुसलमानों से बहुत पहले आर्य आक्रांता भारत  आए उन्होंने भी यहां के पूजा पाठ के तरीके से लेकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभाव डाला जब मुस्लिम आक्रमणकारियों पर बात होती है तो आर्य पर क्यों नहीं 


और अगर मोहन भागवत जी भारतीय मुसलमानों पर दबाव बनाने के लिए यह बात कह रहे हैं तो वह खुद अपने खाने पीने की सामग्रियों और कपड़ों पर नज़र डाल लें उनका कुर्ता मुस्लिम आक्रमणकारी और उनकी शर्ट व खाकी पैंट (हाफ व फुल) अंग्रेज़ आक्रांता द्वारा भारत पहुंची और वह उनसे प्रभावित होकर पहन भी रहे हैं 


भारत में इस्लाम कौन लाया किस के द्वारा इस्लाम भारत पहुंचा यह सब बहस फज़ूल है सच यह कि आज हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम भारत का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है इस्लाम को मानने वाले करोड़ों में हैं और वह इंशाल्लाह मुस्लिम ही रहेंगे घर वापसी करने वाले नहीं हैं और इस सच को वह अब तस्लीम कर लेना चाहिए


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